- उदारवाद की भूमिका
- उदारवाद की अवधारणा
- उदारवाद का अर्थ और परिभाषा
- उदारवाद की विशेषताएं
- उदारवाद की आलोचनाएं
प्रस्तावना
उदारवाद वह विचारधारा है जिसके अंतर्गत मनुष्य को विवेकशील प्राणी मानते हुए सामाजिक संस्थाओं का मनुष्यों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास का परिणाम समझा जाता है
उदारवाद के बारे में यह कहना भी गलत है कि यह व्यक्तिवाद है 19वीं शताब्दी के अंत तक तो उदारवाद और व्यक्तिवाद में कोई विशेष अंतर नहीं था तथा व्यक्ति के जीवन में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत को ही उदारवाद कहा जाता था इसी तरह उदारवाद और लोकतंत्र भी सामान्य नहीं है क्योंकि उदारवाद का मूल लक्ष्य स्वतंत्रता है जबकि लोकतंत्र का मूल लक्ष्य समान्ता है
उदारवाद का अर्थ
उदारवाद का अर्थ यह है कि यह व्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है उदारवाद रूढ़िवाद का विरोधी है उदारवाद व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र का बढ़-चढ़कर समर्थन करता है और उदारवाद के अंतर्गत सभी का कल्याण संभव है
उदारवाद का शाब्दिक अर्थ
उदारवाद की नीति नई पन की नीति नए तरीके से राजनीतिक आर्थिक सामाजिक व्यवस्थाओं का उद्भव है
साधारण शब्दों में उदारवाद एक ऐसा दर्शनीय विचारधारा है जो सत्ता के केंद्रीकरण का प्रतिनिधित्व करने वाली किसी भी व्यवस्था का विरोध तथा व्यक्ति की स्वतंत्रता का जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समर्थन करता है
उदाहरण के लिए देश के बाजारों का द्वारा अन्य देश के बाजारों के लिए खोल देना
Derik hitler के अनुसार उदारवाद की परिभाषा
"स्वतंत्रता उदारवाद का सार है स्वतंत्रता का विचार इतना महत्वपूर्ण है कि उदारवाद की परिभाषा सामाजिक रूप से स्वतंत्रता का संगठन करने और इसके निहित अर्थों का अनुसरण करने के प्रभाव के रूप में की जा सकती है"
हेराल्ड लॉसकी के अनुसार उदारवाद की परिभाषा
"उदारवाद कुछ सिद्धांतों का समूह मात्रा नहीं बल्कि दिमाग में रहने वाली एक आदत अर्थात चित् प्रकृति है"
उदारवाद की प्रमुख विशेषताएं व सिद्धांत
- प्राकृतिक अधिाकोष की अवधारणा में विश्वास
- मानवीय स्वतंत्रता का समर्थन
- लोकतांत्रिक शासन में विश्वास
- धर्मनिरपेक्षता में विश्वास
- लोक कल्याणकारी राज्य व्यवस्था का समर्थन
- व्यक्ति साध्य तथा राज्य साधन है
- राष्ट्रीय आत्मनिर्णय के सिद्धांत का समर्थन
- इतिहास तथा परंपरा का विरोध
- रूढ़िवाद और भेदभाव का विरोध
उदारवाद की आलोचनाएं
विभिन्न विचार को द्वारा उदारवाद की निम्नलिखित आलोचनाएं की गई है
- उदारवाद का आर्थिक समाज बाजार समाज है जो केवल बुर्जआ वर्ग के हितों का ध्यान रखना है सामान्य व्यक्ति के हितों की अनदेखी करता है
- संस्कृति में नकारात्मक भाग उत्पन्न करता है
- गरीबों का शोषण होता है
- सांस्कृतिक क्षेत्र में नकारात्मक उदारवाद व्यक्ति समाज के हितों के विपरीत है
- सीमित राज्य जनकल्याण के विरोधी अवधारणा है
- सामाजिक क्षेत्र में उदारवाद का आध्यात्मिक खुलापन नैतिकता के विरुद्ध है
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